Monday 28 April 2014

आज सोचा है आसमां में उड़ने को



आज सोचा है आसमां में उड़ने को
आज सोचा है अपने मन की करने को

गुजार दिया जीवन सबकी बात सुन सुन कर
आज सोचा है अपनी बात कहने को

बन गए मशीन जैसे ऑफिस के डिब्बे में रह रह कर
दिखने लगे उर्म से ज्यादा ग्रामीण सेवा के धक्के खा खा कर
आज सोचा है फिर से युवा बनने को


सब काम करवा के कहते हैं कि आखिर तुमने किया क्या है
मेरे लिखे में कहते हैं कि इसमें नया क्या है
आज सोचा है सबको जवाब देने को





मीनाक्षी-------------------------29-04-14
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