बुलंदियों को पाने की तो सोचते हो
तारों को छू जाने की तो सोचते हो
अपने पांव पहले जमीं पे तो टिका के देख
लो---
शोहरत के झंडे गाढ़ने की सोचते हो
दुनिया के खजानों की तो सोचते हो
अपने विचारों में पवित्रता लाकर तो देख
लो—
हर साल मोटर कार बदलने की तो सोचते हो
घर में नया फर्नीचर लाने की तो सोचते हो
किसी गरीब को खाना खिला कर तो देख
लो----
हर बार दूसरे को गिराने की सोचते हो
चापलूसियों से अपने नंबर बनाने की सोचते
हो
अरे किसी को अपने से आगे बढ़ा कर तो
देखो---
अपने लोकरों को नोटों से भरने की सोचते
हो
हर पल खुद को सजाने की सोचते हो
कभी अपनी चेतना को जगा कर तो देख लो
वटस अप पर समय गवाने की सोचते हो
अखबारों में समा जाने की सोचते हो
जरा मीनाक्षी का कहा मान कर तो देख
लो--------------------------
मीनाक्षी भसीन 8-05-14
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