Friday 9 May 2014

जीवन



जीवन

जीवन एक सफर है मानो मानो चलना तो है
दुनिया यह एक अजब सराय चाहो चाहो बसना तो है

मेरा तेरा करते करते उर्म बिता दी मैने सारी
स्वार्थ सेधे मैने अपने बहुत दिखाई होशियारी
जोड़ जोड़ कर रख लें जितना सब कुछ यही पर रखना तो है


पैसा बहुंत है, आराम बहुत है कमाई सुविधाएं मैने सारी
हैरानी तो अब है मुझको क्यों रहे मन पि र भारी भारी
हालातों से नजर मिलाकर आगे मुझे बढ़ना तो है

तुम्हें बनाकर दोस्त अपना आखिर मिल गया मुझे सुख आत्मा का
चाहे जितने घने हो बादल साथ मेरे हैं बल परमात्मा का
जीवन मंच की लीला से हम सबको गुजरना तो है........................



मीनाक्षी भसीन(25.07.13)                           © सर्वाधिकार सुरक्षित












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